(समीक्षात्मक रिपोर्ट ) डा० दिलीप कुमार झा पत्रकार झारखंड दिनांक —16/5/2024 देश में लोक सभा के चार चरणों का चुनाव पूरा हो चुका ...
(समीक्षात्मक रिपोर्ट )
डा० दिलीप कुमार झा पत्रकार झारखंड
दिनांक —16/5/2024
देश में लोक सभा के चार चरणों का चुनाव पूरा हो चुका है और देश की सभी पार्टियां अपने अपने दलों के उम्मीदवारों के जीत का दावा कर केंद्र में अपनी सरकार बनाने का दावा भी कर रहे हैं । देश की दो सबसे बड़ी जनाधार वाली पार्टी भाजपा की एनडीए और कांग्रेस की महागठबंधन इंडी अलायन्स मैदान में हैं ।
बीजेपी के पास केंद्रीय स्तर के नेताओं के साथ खुद प्रधान मंत्री ,गृह मंत्री ,रक्षा मंत्री ,के साथ कई राज्यों के मुख्यमंत्री और संगठन के अध्यक्ष जेपी नड्डा हैं जो फायर ब्रांड स्टार प्रचारक बन कर पूरे देश में उत्तर दक्षिण,पूरब पश्चिम चारो दिशाओं में फैल कर चुनाव प्रचार और रैलियां आयोजित कर जनता के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ने की कोशिश में दिन रात मेहनत करने से पीछे नहीं हट रहे हैं । वहीं कांग्रेस और महागठबंधन की जमात के पास राष्ट्रीय स्तर के चुनाव प्रचार के लिए कुछ चुने हुए चेहरे ही हैं राहुल गांधी ,प्रियंका वाड्रा के साथ मल्लिकार्जुन खड़गे बस यही तीन चेहरे हैं चौथा और कोई नही ,क्षेत्रीय पार्टियां यूपी बिहार बेंगलुरु ,कर्नाटक ,तमिल नाडू ,ओडिसा तेलंगाना ,महाराष्ट्र में पार्टियों के नेता अपनी अपनी राज्य बचाने की मुहिम में हैं और कोई नेता राष्ट्रीय स्तर के पहचान के साथ प्रचार में शामिल नहीं हैं ।
यहां इस मामले में पूरे देश में बीजेपी बहुत आगे है और महागठबंधन बहुत पीछे ।अखिलेश यादव ,तेजस्वी यादव ,जगनमोहन रेड्डी ,,ममता बनर्जी , बीजू पटनायक ,शरद पवार ,उद्धव ठाकरे,मायावती ,और ओवैसी अपनी राज्य की सीमाओं के साथ अब अपनी अपनी सीटों तक सीमित हो चुके हैं और उनकी पार्टियों में टूट से अपनी जीत की चिंता में हैं ।
कांग्रेस बिहार मे तेजस्वी और यूपी में अखिलेश के कंधे का सहारा लेकर चल रही है जिनका लोक सभा चुनाव में कोई महत्व नहीं लेकिन राज्य के विधान सभा चुनावों में अपनी ताकत का इस्तेमाल कर सत्ता के निकट पहुंच जाते हैं ये उनकी लोकप्रियता नही जातिवाद और समीकरण ही उसका आधार होता है ।
बीजेपी प्रारंभ से ही तुष्टिकरण की नीतियों से दूर राजनीतिक आधार हिंदू वादी मानसिकता और उनके धार्मिक आधार एक राष्ट्र एक झंडा एक कानून की पक्षधर है ।
2009 के चुनाव में बीजेपी को अल्पसंख्यक मतों का समर्थन नहीं मिला था लेकिन 2014 में तीन तलाक और कश्मीर से धारा 370 35/A हटाए जाने के बाद 2019 के लोक सभा चुनाव में मुस्लिम मतों का समर्थन मिला । और बीजेपी अपने एनडीए घटक दलों के साथ 303 सीटें लेकर केंद्र की सत्ता पर काबिज हुई। कांग्रेस और उनके साथ जुड़े घटक दलों के पास कोई ठोस मुद्दे नही हैं सिर्फ बेरोजगारी और आरोपों की झड़ी प्रधान मंत्री पर निजी हमले लोकतंत्र बचाने का अनुरोध ऐसे आरोपों से जनता को कोई मतलब नहीं होता ।2024 के चुनाव में देश को स्थिर और मजबूत सरकार देने में अभी बीजेपी जनता की पहली पसंद है । भ्रष्ट्राचार पर कड़ा प्रहार करते हुए कांग्रेस नेताओं के घरों से निकल रही नोटों की गड्डियां कांग्रेस पार्टी की छवि धूमिल कर रही है। जनता के सामने पीएम प्रधान मंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी की तुलना नही की जा सकती है । उनके गठबंधन में शामिल दल भी उनसे असहमत होंगे ,एक ओर शरद पवार, ममता बनर्जी , अखिलेश यादव ,मायावती के साथ कुछ अन्य दक्षिण के कुछ नेता प्रधान मंत्री पद की दौड़ मे शामिल होंगे जो विपक्ष की सबसे बड़ी कमजोरी है ।
आरएसएस के बगैर भी बीजेपी चुनाव मैदान में अपनी ताकत दिखा रही है । विश्वकी राजनीति में भी भारत अपनी राजनीतिक और आर्थिक हितों की चिंता करते हुए सधे हुए कदमों के साथ आगे बढ़ रही है ।लोक सभा चुनाव देश की नीतियों, सशक्त भारत की नीव, कुशल नेतृत्व और स्थिर सरकार के साथ विकास की योजनाओं को क्रियान्वयन किए जाने की आशा पर ही आम जनता मतदान करती है जो बीजेपी छोड़ किसी अन्य राजनीतिक दलों में नजर नहीं आती ।
(लेखक के निजी विचार है )
COMMENTS