न्यूज़ ऑफ इंडिया (एजेंसी) बाराबंकी: 31 अगस्त,2024 जिले के दरियाबाद शिक्षा क्षेत्र के नियामतपुर गांव के कंपोजिट विद्यालय में तैनात दोनो अध...
न्यूज़ ऑफ इंडिया (एजेंसी)
बाराबंकी: 31 अगस्त,2024
जिले के दरियाबाद शिक्षा क्षेत्र के नियामतपुर गांव के कंपोजिट विद्यालय में तैनात दोनो अध्यापिकाएं स्कूल समय से
नहीं पहुंची। विद्यालय पहुंचे बच्चे स्कूल में इधर उधर घूमते नजर आए। काफी देर तक दोनो शिक्षिकाओं के स्कूल नहीं पहुंचने पर बच्चों ने जानकारी परिजनों को बताई।
जानकारी के बाद नियामतपुर विद्यालय शिक्षा समिति के अध्यक्ष हरिश्चंद्र वर्मा मौके पर पहुंचे। इसी दौरान मौके पर बच्चों के अभिभावक भी पहुंच गए। नाराज परिजनों ने डीएम और बीएसए को फोन मिलाकर शिकायत कर प्रधानाध्यपिका ममता आंशु और सहायक अध्यापिका उजमा उस्मानी पर कार्रवाई की मांग की है।
गांव के अभिभावक अंगद गौतम, अजय चौहान, पवन रावत, राम मनोरथ, जय करन, रिंकू आदि का आरोप है यहां तैनात दोनो अध्यापिकाएं कभी कभार विद्यालय आती है। इससे पहले ग्रामीणों ने दोनो अध्यापिकाओं की शिकायत की थी जिसके बाद दोनो के एक माह का वेतन कटा था। रोजाना रसोइए के द्वारा विद्यालय का गेट खोल दिया जाता है।
कई छात्र छात्राओं ने जहां अध्यापिकाओं के स्कूल में अक्सर गैरहाजिर रहने का तो वहीं एक छात्र ने इन अध्यापिकाओं पर स्कूल की साफ-सफाई कराने का भी गंभीर आरोप लगाया है।
इस संबंध में जब दरियाबाद खंड शिक्षा अधिकारी मनी राम वर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पुलिस परीक्षा ड्यूटी में हूं।कम्पोजिट विद्यालय है अध्यापिकाएं नहीं आयी तो ऐसी स्थिति में प्राथमिक विद्यालय के अध्यापक बच्चों को पढ़ा सकते हैं। उधर प्राथमिक विद्यालय के अध्यापक सलभ ने इस संबंध में बताया कि यह अध्यापिकाएं अक्सर गैरहाजिर ही रहती हैं हम अपने विद्यालय के बच्चों को पढ़ायें बीएलओ का काम करें या फिर पूर्व माध्यमिक के बच्चों को पढ़ाएं।
ऐसी स्थिति में सवाल खड़ा होता है कि आखिर यह दोनों अध्यापिकाएं सरकार से वेतन किस बात का लेती हैं बच्चों के भविष्य को बनाने का या बिगड़ने का...??
खंड शिक्षा अधिकारी ने कहा है कि मामले की जांच कर कार्यवाही की जाएगी।
वहीं सूत्रों की माने तो 2022 में इन अध्यापिकाओं के द्वारा एक निजी व्यक्ति रख करके स्कूल की शिक्षा चलाई जा रही थी मामला संज्ञान में आने के उपरांत एक माह का वेतन काटा गया था और रखे गए निजी व्यक्ति को हटाया गया था। जिससे इनकी उपस्थित में चंद माह सुधार देखने को मिला था। उसके बाद फिर से इन दोनों की विद्यालय में उपस्थित और बच्चों के शिक्षा के प्रति लापरवाही जारी है।
मामला गंभीर है उच्चधिकारियों का संज्ञान में लेकर उचित कठोर कार्यवाही किये जाने की आवश्यकता है जो दूसरों के लिए नजीर बन सके।
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