डा o दिलीप कुमार झा प्रभारी पत्रकार न्यूज़ झारखण्ड। दिनांक —10/10/2024 गोड्डा —अनुमंडल से जिला बने इस शहर मे बहुत कुछ बदला है नह...
डा o दिलीप कुमार झा प्रभारी पत्रकार न्यूज़ झारखण्ड।
दिनांक —10/10/2024
गोड्डा —अनुमंडल से जिला बने इस शहर मे बहुत कुछ बदला है नहीं बदला है तो वो है इस शहर की नियति। राजनितिक शतरंज के विसात पर घोड़े की चाल चलने वाले अजीबोगरीब चाल से राज्य की राजनीती से सरकारें बदल जाती हैं पूरे राज्य की केंद्र बिंदु बनी गोड्डा हमेशा शह और मात का खेल खेलने मे माहिर है। राजनितिक दौड़ मे कभी जनसंघ, कभी कांग्रेस कभी जे एम एम कभी भाजपा कभी राजद इस घोड़े पर सवार हो जाते हैं लोक सभा हो या बिधान सभा अपने सवार को मंजिल तक पहुंचा ही देती है। लेकिन इस जिले की बढ़ती आबादी, विकास की नई नई योजनाएं रोजी और रोजगार के लिये नए नए प्रोजेक्ट्स भी लग गये नहीं बदली है तो यहाँ की सड़के। भीड बढ़ती गयी और सड़कें सिकुड़ती गयी। सड़कों का अतिक्रमन कर गली की शक्ल मे परिणत कर दिया गया है। यद्यपि समहरनालय यहाँ से दूर हो गई है गोड्डा कोर्ट की मी जगह तय कर दीं गयी है लेकिन अभी तय जगह को लेकर खींच तान अभी भी चल रही है लेकिन इस जिला की मुख्य सड़को पर जाम लगना इस शहर की नियति बन चुकी है जिसका कोई उपाय नहीं दीखता। सिर्फ ट्रैफिक पुलिस लगाने से इस समस्या का समाधान नहीं किया जा सकता।पुलिस इस सनास्या का समाधान नहीं कर सकती।तंग हो रही सड़कें फुटपाथ पर दुकानदारों का जमावड़ा जिनमे सब्जी वाले ठेले वाले के साथ अन्य फुटकर दुकानदार शामिल हैं। गोड्डा जिला का दर्जा प्राप्त होने के बाद दो पहिया वाहन,कार, टो टो रिक्शा की अनियंत्रित बाढ़ ने लोगो का पैदल चलना मुश्किल कर दिया है। पब्लिक बस, स्कूल बस, आवश्यक आपूर्ती हेतु पेट्रोलियम ट्रक, छः चक्के की गाड़ियां और सरदर्द बढाती हैं।
निदान एक ही है यातायात ब्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने के लिये एक्टिव ट्रैफिक पुलिस की तैनाती दो दो की संख्या मे, फुटपाथ से सब्जी विक्रेताओं को उठाना, ठेले रेवड़ी वाले को मेला मैदान मे तत्काल स्थानंतरित करना। बाईपास रोड का इस्तेमाल और उस सड़क पर भी स्थाई रूप से अवैध कब्जे वाले को हटाना, हर पॉइंट्स पर दो दो ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी रहे। मोटर साईकिल पार्किंग की ब्यवस्था हो, जब छः चक्के की एक गाड़ियां पास हो तो दुसरे बस को 15 मिनट बाद फिर पास करना, हैवी गाड़ियों को सुबह 6 बजे तक पास करना रात 8 बजे के बाद से। टोटो का रूट निर्धारित करना आदि कई समाधान हैं जिसे ईमानदारी से लागु कर पदाधिकारी द्वारा निरीक्षण करना। शहर से बस स्टैंड को हटाना भी आवश्यक है। सड़क को अतिक्रमन से मुक्त कराना भी उतना ही आवश्यक है फ्लाईओवर की आवश्यकता है जो गोड्डा सांसद डा 0 निशिकांत दुबे ही इस समस्या से निजात दिला सकते हैं दुसरे के वश की बात नहीं। लेकिन तब तक इन्ही संकीर्ण और तंग रास्ते से आम जनता को गुजरना मजबूरी है।
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