न्यूज़ ऑफ इंडिया (एजेंसी) बाराबंकी: 18 नवंबर,2024 बाराबंकी की तहसील रामसनेहीघाट अंतर्गत कोतवाली दरियाबाद क्षेत्र के 70 वर्षीय किसान सूरज ...
न्यूज़ ऑफ इंडिया (एजेंसी)
बाराबंकी: 18 नवंबर,2024
बाराबंकी की तहसील रामसनेहीघाट अंतर्गत कोतवाली दरियाबाद क्षेत्र के 70 वर्षीय किसान सूरज पाल पुत्र रामदयाल निवासी चकमनियापुर मजरे मथुरानगर की भूमिधरी की साढ़े चार बीघा जमीन छुलिया तालाब के पास है। जिस पर लंबे अरसे से खेती करते चले आ रहे हैं। उक्त भूमि गाटा संख्या 588 व 727 को मिलाकर छुलिया तालाब के पास 4.50 बीघा जमीन किसान सूरज पाल पुत्र रामदयाल निवासी चकमनियापुर मजरे मथुरानगर के नाम अभिलेख में दर्ज है।
किसान रामपाल पुत्र सूरजपाल ने बताया कि उक्त भूमिधरी खेती की जमीन के करीब चार बिसवा हिस्से को तालाब की भूमि का रकबा बता कर रविवार 17 नवंबर 2024 की सुबह से दोपहर तक करीब 10 फिट गहराई तक जेसीबी मशीन से खनन कर बन रहे दरियाबाद बाईपास पर ट्रैक्टर ट्राली द्वारा सैकड़ों ट्राली मिट्टी डाली गई। मौके पर परिवारजनों सहित पहुंच हो रहे खनन का विरोध करते हुए कहा कि यह हमारी भूमिधर की जमीन है पूर्व में लेखपाल द्वारा पैमाईश कर रकबा पूरा कर दिया गया है जिस पर हम खेती करते चले आ रहे हैं। लेखपाल ने जहां तक नापकर दिया था उसी पर खेती करते हैं।
दरियाबाद बाईपास |
आगे रामपाल ने बताया कि मौके पर मौजूद लेखपाल सहित अन्य लोगों से कहा कि यदि हमारे खेत में तालाब की जमीन है तो मिट्टी खनन करें हमें कोई एतराज नहीं है लेकिन खनन करने से पहले हमारी भूमि की पैमाईश कर भूमि का रकबा पूरा कर दीजिए।
किसान का आरोप:-
एसडीएम का आदेश बता लेखपाल ने गेहूं बोये हुये खेत पर निशान देही कर बन रहे दरियाबाद बाईपास के लिए जेसीबी मशीन से सैकड़ों ट्राली मिट्टी का खनन कर खेत से मिट्टी निकाल ली गई।
किसान परिवार मौके पर मौजूद लोगों के सामने हाथ जोड़ कर विनती कर गिड़ गिड़ाता रहा परन्तु किसी ने किसान की एक भी नहीं सुनी, किसान ने यह भी आरोप लगाया है कि विनती सुनने की जगह अभद्रता की गई और एफआईआर लिखावा देने की धमकी दी गई।
मामला इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने के बाद रविवार की दोपहर बाद खनन रूक गया था।
छुलिया तालाब |
बताते चलें कि जिस छुलिया तालाब के जमीन का रकबा किसान के खेत में निशानदेही कर खनन किया गया मौके पर मौजूद छुलिया तालाब गाटा संख्या 711 की अब तक कई बार मनरेगा योजना के तहत खुदाई कराई जा चुकी है। पीड़ित किसान ने बताया कि अभी करीब आठ माह पूर्व इस छुलिया तालाब की खुदाई कराई गई है,अभी तक इस तालाब की तीन बार खुदाई हो चुकी है।
पीड़ित किसान का कहना है कि यदि तालाब चार बीघे का है तो पूर्व में पूरे रकबे की खुदाई क्यों नहीं की गई जो आज तालाब के रकबे में हमारी भूमिधरी खेती गेहूं लगी जमीन पर निशान देही कर तालाब के नाम पर खनन कर मिट्टी निकाल 10 फिट गहरे गड्ढे में तब्दील कर दिया गया।
इस संबंध में किसान द्वारा मुख्यमंत्री के अलावा जिलाधिकारी बाराबंकी को प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है।
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